Friday, 13 March 2020

क्या आपका बच्चा भी टिक-टॉक और वीडियो गेम के बिना नहीं रह सकता, तो.....


सोशल मीडिया (टिक-टॉक, वीडियो गेम ) और गैजेट्स आज मानव जीवन की सबसे महत्वपूर्ण जरूरतों में से एक बन गए हैं, लेकिन यह जरूरत आपके बच्चों के जीवन से जुड़ी है। शोधकर्ताओं की टीम ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले युवाओं पर एक विशेष शोध किया, जिसके बारे में जानने के बाद आपकी चिंता बढ़ सकती है।
शोधकर्ताओं की टीम के द्वारा किए गए एक शोध से यह पता चला है कि बच्चे सोशल मीडिया (टिक-टॉक, वीडियो गेम ) और टीवी की बदौलत डिप्रेशन से के शिकार होते जा रहे हैं। इस डिप्रेशन के कारण, बच्चे खुद तक सीमित होते जा रहे हैं। शोध में पाया गया कि किशोर दिन-प्रतिदिन 9-10 घंटे ऑनलाइन रहकर अपना टाइम बर्बाद कर रहे है। इतनी देर ऑनलाइन रहने से किशोरों को काफी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है। और यह अक्सर उनके स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है।

ऐसे में युवाओं का ख्याल रखें
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस शोध में बच्चों को शामिल करने के बाद उनकी देखभाल करना आवश्यक हो गया है। अगर आप सोशल मीडिया के कारण अपने बहुत से बच्चों को डिप्रेशन से बचाना चाहते हैं, तो उनकी दैनिक गतिविधियों पर नज़र रखना शुरू कर दें। इसके अलावा, कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिन की गतिविधि देखने के लिए सुविधा दी गई है, ताकि आप सोशल मीडिया पर बिताए उनके समय को नोटिस कर सकें।

डिप्रेशन के कारण बढ़ रही है घटनाएं-
आपको बता दें कि डिप्रेशन और अन्य मानसिक बीमारियां किशोरों के लिए अधिक खतरनाक हो रही हैं। एक खोज के अनुरूप, एक किशोर हर 100 मिनट में आत्महत्या कर रहा है। अधिकांश किशोर डिप्रेशन के कारण ही आत्महत्या कर रहा हैं ।

6000 छात्रों पर 5 साल तक किया गया शोध
यह शोध चार वर्षों के लिए 6000 छात्रों पर किया गया। यह अनुसंधान समर्थित छात्रों की आयु 12 से 16 वर्ष के बीच है।

शोधकर्ताओं ने देखा कि छात्र पिछले वर्षों की तुलना में अपने सोशल मीडिया और टेलीविजन के साथ प्रति वर्ष अधिक समय बिता रहे हैं। साल दर साल डिप्रेशन भी बढ़ता देखा गया। जो की आगे बढ़कर युवाओ के लिए एक खतरनाक समस्या बन सकती है।